सत्र संचालन
यह सत्रांत का पड़ाव है। पहले चरण के इस आखिरी सत्र में प्रशिक्षक को सभी प्रतिभागियों से अब तक हुए चरणों और सीखे हुए पर फीडबैक लेना है। फीडबैक की गतिविधि व्यक्तिगत होनी है। सभी प्रतिभागियों को निम्न सवालों के जवाब लिखकर प्रस्तुति देनी है। जवाब लिखने के लिए आधा से पौन घंटे का समय दिया सकता है।
व्यक्तिगत गतिविधि 1
सवाल निम्न हो सकते हैं-
- अब तक मैंने क्या सीखा? बिंदुवार लिखें।
- प्रशिक्षक और कार्यशाला संयोजकों के बारे में फीडबैक, बिंदुवार लिखें।
- प्रशिक्षण कार्यशाला के इंतजाम, परिसर और अन्य सुविधा/असुविधा पर बिंदुवार फीडबैक।
प्रशिक्षक ध्यान दें
प्रस्तुतियों के दौरान प्रशिक्षक को तीनों सवालों के तीन खाने बोर्ड पर बनाकर बिंदु नोट करते जाने होंगे। उसके बाद साझा और विशिष्ट बिंदुओं की पहचान करनी होगी। तकनीकी इंतजामात और परिसर से संबंधित फीडबैक को दुरुस्त करने के तरीकों पर बात होगी और प्रतिभागियों को आश्वस्त किया जाएगा कि अगले चरण में इसे लागू किया जाएगा। इसलिए इन बिंदुओं को अगले चरण के सत्र प्रारंभ तक संजो कर रखा जाना होगा। इसके अलावा, प्रशिक्षक और कार्यशाला संयोजकों के बारे में फीडबैक को भी गंभीरता से लेते हुए अगले चरण के सत्रों की तैयारी के दौरान समाहित करना होगा।
जहां तक अब तक सीखे गए का सवाल है, जवाबों से निकले भ्रामक और अधूरे बिंदुओं पर प्रशिक्षक को फिर से डीब्रीफ करने की जरूरत होगी। इसके लिए जरूरी है कि प्रशिक्षक पहले सवाल के जवाबों को ध्यान से सुने और भ्रम दूर करने के लिए डीब्रीफिंग से पहले दिए गए अवकाश में अपनी तैयारी कर ले।
प्रशिक्षक डीब्रीफिंग
प्रस्तुतियों के दौरान पहले सवाल पर आए जवाबों के आधार पर यह डीब्रीफिंग होगी जिसमें बीते सात सत्रों का सार दिया जाएगा।
बीते सात सत्रों के सार रूप में हम कह सकते हैं कि मूल्यों का लेना-देना मनुष्य की आंतरिक अच्छाई के साथ है, जिस पर समय के साथ समाज की धूल जमती गई है। हमें अपनी अच्छाइयों को दोबारा खोज निकालने की जरूरत है ताकि हम अपने ही जैसे लोगों के साथ सौहार्द, करुणा व प्रेम के रिश्ते कायम कर सकें और सारे मतभेदों को भुलाते हुए उन्हें भी वैसे ही आजाद कर सकें जैसी आजादी हम अपने लिए उनसे चाहते हैं।
हमने सीखा है कि आजादी, बराबरी, भाईचारा और इंसाफ आपस में जुड़ी चीजें हैं। आप सामने वाले को अगर सौहार्दपूर्ण ढंग से बरतेंगे, भाई मानेंगे, तो उसे उतनी ही आजादी देंगे जितनी आपको उससे अपने लिए अपेक्षा है। जाहिर है, इससे बराबरी का भाव अपने आप पैदा होगा और नाइंसाफी की गुंजाइशें खत्म हो जाएंगी।
इतना ही नहीं, अगर समाज में नाइंसाफी कहीं दिखती है, तो उसे दुरुस्त करने के लिए आप व्यवस्थागत पहल भी करेंगे, जैसा हमने खेल में देखा था। जरूरतमंद को उचित अवसर दिलवाना न्याय है। यह न्याय आगे चलकर बराबरी और भाईचारा पैदा करता है तथा वंचित को आजादी का अहसास दिलाता है।
आप किसी एक मूल्य को पकड़ कर चलें, तो बाकी तीनों मूल्य अपने आप सधते जाएंगे। यह आपके अपने आचार पर है कि आपको किस मूल्य को बरतने में ज्यादा सुविधा होती है। इसे जब तक व्यावहारिक जीवन में लागू नहीं किया जाएगा, तब तक इसका परीक्षण भी नहीं हो पाएगा कि यह तरीका कितना कारगर है और कितना नहीं।
डीब्रीफिंग के बाद प्रशिक्षक अगले चरण की भूमिका बांधते हुए (परिचय में दिए गए दूसरे सत्र के संक्षिप्त ब्योरे के आधार पर) अवकाश कार्य पर आएगा। इस अवकाश कार्य की समीक्षा दूसरे चरण की कार्यशाला के पहले सत्र में की जानी है।
अवकाश कार्य 1
सभी प्रतिभागियों को अपने घर, परिवार, मोहल्ला, कस्बा, गांव, और इर्द-गिर्द के समाज में रोजमर्रा के अनुभवों के आधार पर यह विश्लेषण करना है कि समाज में स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के मूल्य कैसे काम करते हैं। इसके लिए कोई विशेष कार्य नहीं करना है। केवल अपने रोजमर्रा के अनुभवों, घटनाओं, उन घटनाओं पर सामजिक प्रतिक्रियाओं और हादसों से खुद को अद्यतन रखते हुए दर्ज करते जाना है कि मूल्यों की स्थिति समाज में कैसी है और किन परिस्थितियों में ये चारों मूल्य काम करते या नहीं करते हैं।
इस अभ्यास को व्यक्तिगत स्तर पर किया जाना है और इसकी प्रस्तुति लिखित स्वरूप में होनी है। संदर्भ और सुविधा के लिए कुछ सवाल नीचे दिए जा रहे हैं जिनके इर्द-गिर्द जवाब खोजे जा सकते हैं-
- संवैधानिक मूल्य क्या समाज में दिखाई देते हैं?
- अगर हां, तो कहां और किन परिस्थितियों में? अपने अनुभव से उदाहरण दें। यदि नहीं, तो इसका भी उदाहरण दें।
- आम लोग कैसे इन मूल्यों को अपने जीवन में बरतते हैं या नहीं बरतते हैं, अनुभव से उदाहरण दें।
- संवैधानिक मूल्यों की पालना में क्या बाधाएं हैं? सोदाहरण बताएं।
सभी प्रतिभागियों को अगले चरण के पहले सत्र में इस पर प्रस्तुति देनी है और चर्चा करनी है।
इस अवकाश कार्य के साथ प्रशिक्षक पहले चरण के अंत की औपचारिक घोषणा करते हुए सभी के भविष्य की शुभकामनाएं प्रेषित करेगा।