सत्र संचालन
सत्र की शुरुआत सामूहिक मॉडलों की प्रस्तुति से होगी। प्रत्येक मॉडल पर समूह में चर्चा होगी।
प्रशिक्षक हर सामूहिक मॉडल पर अपने नोट लेगा।
प्रस्तुतियां खत्म हो जाने के बाद खुली चर्चा होगी जिसमें इस बात पर विचार किया जाएगा कि क्या विधा और माध्यम से इतर समाज के लिए मूल्य प्रशिक्षण के एक साझे मॉडल की कोई गुंजाइश है।
डीब्रीफिंग
डीब्रीफिंग समूह प्रस्तुति और चर्चा के आधार पर होगी। चूंकि कई समूह कार्यशाला चलाने का मॉडल भी प्रस्तुति कर रहे होंगे इसलिए अच्छा होगा उन समूहों कि प्रस्तुति के बिंदुओं को दो श्रेणियों में विभाजित करें-
- प्रशिक्षण मॉडल में सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है या नहीं। क्या विषय वस्तु समुदाय की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
- प्रशिक्षण मॉडल की चरणबद्धता, प्रक्रिया और उसके अनुसार चुनी गई पद्धति कितनी उपयुक्त है।
पहले बिंदु पर चर्चा करते समय प्रतिभागियों का ध्यान इस तरफ ले कर आवें कि क्या यह प्रशिक्षण मॉडल हमारे समुदाय की सीखने की आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। विभिन्न पद्धतियां कहां तक समुदाय के सदस्यों के सीखने में मददगार हो सकती है।
- दूसरे बिंदु पर चर्चा करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-
- क्या समूह/समूहों ने मॉडल चरणबद्ध तरीके से तैयार किया हैं कहीं कोई चरण छूट तो नहीं गया है।
- क्या प्रशिक्षण मॉडल चरण आधार पर तैयार किया गया हैं या लंबी अवधि का एक ही कार्यक्रम बनाया गया।
- विषय वस्तु की क्रमबद्धता कहां तक उपयुक्त है।
- विभिन्न विषय हेतु दी गई समय सीमा कहां तक पर्याप्त और तर्कसंगत हैं।
- प्रशिक्षण स्थानीय स्तर पर आयोजित किया जाएगा या कहीं बाहर।
जहां तक संभव हो प्रशिक्षक प्रस्तुत मॉडलों में जो भी त्रुटियां हों उन्हें अपनी तरफ से सुझाव दे कर ठीक करवा दें।
इसके बाद प्रशिक्षक कार्यशाला के समापन की औपचारिक घोषणा करते हुए प्रतिभागियों से कहेगा कि आपने जिन मॉडलों को अंतिम रूप दिया है, उन्हें यहाँ से जाने के बाद अपने समुदाय के बीच इस्तेमाल करते रहना है।