सत्र संचालन
प्रशिक्षक पिछले सत्र में प्रस्तुत किए गए प्रतिभागियों के अनुभवों के आधार पर उम्मीद जताएगा कि कार्यशाला के पहले सत्र से लेकर फील्ड में काम करने और अब वापस आने तक उन्होंने अपने-अपने भीतर कुछ बदलाव महसूस किए होंगे। इस सत्र में हम उन्हीं बदलावों पर बात करेंगे। इसके लिए हम तीन सवाल आपसे करेंगे।
गतिविधि
सवाल 1: सत्र 1 से अब तक आपमें आए बदलावों के तीन बिंदु लिखें।
सवाल 2: आपमें आए उपर्युक्त बदलावों के अहम पड़ाव क्या रहे?
सवाल 3: यह कार्यशाला दूसरी कार्यशालाओं से अलग कैसे रही? तीन बिंदु लिखें।
प्रशिक्षक ध्यान दें
यह गतिविधि व्यक्तिगत होगी। सभी को कम से कम एक घंटे का समय दिया जाना चाहिए। उसके बाद हर प्रतिभागी अपनी प्रस्तुति देगा। प्रशिक्षक पहले और दूसरे सवाल पर सभी के जवाबों का मिलान पिछले सत्र में लिए अपने नोट्स से करेगा और किसी तरह की विसंगति दिखने पर उसे चर्चा के लिए नोट कर लेगा। इसके अलावा, प्रशिक्षक तीसरे सवाल पर समान जवाबों को एक ओर लिखेगा और अलग जवाबों को दूसरी ओर लिखेगा।
प्रशिक्षक डीब्रीफिंग
इस डीब्रीफिंग के दो उद्देश्य हैं। पहला, सवाल संख्या 2 पर फोकस कर के इस बात को रेखांकित करना कि प्रतिभागी जहां था वहां से वर्तमान स्थिति तक कैसे पहुंचा, यह सवाल सबसे महत्वपूर्ण है।)
‘कैसे’ का जवाब व्यक्ति की आंतरिक प्रेरणा से जुड़ा होता है। अगर व्यक्ति अपने बदलाव की प्रक्रिया या दिशा को सही-सही पहचान पा रहा है, इसका मतलब है कि उसने सीखे हुए को आत्मसात कर लिया है।
‘क्या” करना है, ये तो सभी को पता है। “कैसे” करना है, यह सबका निजी मामला है। “क्यों” का मामला दार्शनिक है। “कैसे” का सवाल स्वयं के विवेक पर निर्भर करता है। स्वविवेक या प्रेरणा की समस्या हो तो इस पर अलग से बातचीत की जा सकती है।
संवैधानिक मूल्य को आत्मसात करना इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है, लेकिन यह मूल्य अगर आपका अपना नहीं होगा, आपके अपने अनुभव से नहीं निकलेगा, तो “क्यों” का मामला बाहरी हो जाएगा। यह मूल्य जब अपना होगा तभी वह अंतस्थ होगा। आन्तरिक मूल्य “क्यों” का जवाब देता है और उसकी प्रेरणा हमें ‘कैसे’ की ओर ले जाती है। इसलिए बदलाव की प्रक्रिया और पड़ावों की समझ सबसे जरूरी चीज है। इसे कोई बता नहीं सकता, आपको खुद इसे खोजना होगा।
यह इसलिए सबसे जरूरी है क्योंकि अगर आप खुद समझ गए कि यहां तक कैसे पहुंचे हैं, तो दूसरों को भी उन्हीं पड़ावों से गुजार पाएंगे। चूंकि आपको समाज में इन मूल्यों पर काम करना है, तो अपने बदलाव के पड़ाव पर आपकी नजर साफ रहनी चाहिए।
(इस डीब्रीफिंग का दूसरा उद्देश्य सवाल संख्या 3 पर आए जवाबों को मूल्यों के संदर्भ में विश्लेषित करना है। यह काम अगले सत्र में होगा, इसलिए इस सवाल के जवाबों को नोट कर के रख लिया जाना चाहिए।)